Best Alone Life Shayari 2.O – अकेली जिंदगी शायरी का नया अंदाज़

आप सभी का हमारे इस “अकेली जिंदगी शायरी” लेख में स्वागत है। अकेली ज़िंदगी शायरी उन भावनाओं की झलक है जो इंसान अपने अकेलेपन के पलों में महसूस करता है। जब ज़िंदगी की भीड़ में दिल खाली-खाली लगे तो शायरी दिल का सहारा बनती है। यह ब्लॉग आपको उन लफ़्ज़ों से रूबरू कराएगा जो अकेलेपन की चुप्पी को आवाज़ देते हैं और दिल के दर्द को बयां करते हैं और तन्हाई को समझने का सुकून देते हैं। यहाँ आपको ऐसी शायरियाँ मिलेंगी जो आपके दिल की गहराइयों को छू लेंगी और अकेली ज़िंदगी के अनुभवों को और भी करीब से महसूस कराएँगी। तो आइये देखे इस बेहतरीन अकेली जिंदगी शायरी संग्रह को:

Best Alone Life Shayari 2.O – अकेली जिंदगी शायरी का नया अंदाज़

Best And Unique “अकेली जिंदगी शायरी” For You:

जिंदगी अकेला जी रहा हूँ, कोशिश किया था बहुत को अपना बनाने की। हर किसी ने ठुकरा दिया मुझे, अपने जिंदगी की हिस्सा बनाने से।।

चलते-चलते राहों में कुछ खो गया, साथ था जो अपना, वो भी कहीं सो गया। अब तो इस भीड़ में भी तनहा हूँ मैं, जैसे ज़िंदगी का सफ़र ही अधूरा हो गया।।

कभी यह ज़माने की महफ़िल से ठुकराए गए थे, अब मैं अपना वक़्त ला रहा हूँ। ठुकराने; मतलब से भरे इस ज़माने को।।

सफ़र का साथी अगर मिल भी जाए, तो दिल का दर्द कौन समझ पाए। अकेले चलना अब आसान लगता है, क्योंकि रिश्तों में भी सुकून कहाँ आए।।

Best Alone Life Shayari 2.O – अकेली जिंदगी शायरी का नया अंदाज़

मुस्कुराहट ओढ़ कर दर्द छुपाता हूँ, लोगों को हँसता चेहरा दिखाता हूँ। अकेलेपन का राज़ कोई समझे कैसे, मैं ख़ुद ही अपने जख्मों को सहलाता हूँ।।

अब अकेलापन की बात ना करो, हमने भी बहुत देख लिया इस ज़माने को। सब बस मतलब के साथ रहते हैं, बस अकेलापन ही मदद करती है जिंदगी बेहतर बनाने को।।

अब अकेलापन को अपनी ताकत बनानी है, देख लिया बहुत इस मतलबी ज़माने को। धोखाधड़ी से कहीं अच्छा है, निकलो अकेले जिंदगी की राहों में।।

ज़िंदगी की राहें जब अजनबी हो जाती हैं, तन्हाई में ही बातें गहरी हो जाती हैं। लोग छोड़ जाते हैं बीच सफ़र में अक्सर, तभी अकेलेपन की रातें लंबी हो जाती हैं।।

ये मतलब के हजारों साथी से, अकेलापन की जिंदगी ही बेहतर है।।

Best Alone Life Shayari 2.O – अकेली जिंदगी शायरी का नया अंदाज़

किसी का इंतज़ार अब नहीं करता दिल, टूटा हुआ रिश्तों पर भरोसा नहीं करता दिल। अकेलेपन की आदत-सी हो गई है अब, किसी नए धोखे का खतरा नहीं उठाता दिल।।

अकेलापन से मुझे डर लगता था, अब डरने की कोई बात नहीं। पहले लोगों ने मजबूर किया अकेले जीने के लिए, अब तो खुद ही मजबूर हूँ अकेले रहने के लिए।।

भीड़ में रहकर भी तन्हा हूँ मैं, ख़ुद से ही बातें करता हूँ मैं। दिल ढूँढता है अपना सा कोई, पर तक़दीर से ही लड़ता हूँ मैं।।

 कभी ख़्वाबों में थी रंगीन ज़िंदगी, अब हकीकत में है वीरान ज़िंदगी। लोग कहते हैं अकेलापन सज़ा है, पर मेरे लिए यही है अब मेरी ज़िंदगी।।

रातों को नींद नहीं, ख़्वाब नहीं आते, सन्नाटे में भी कई तूफ़ान जगाते। अकेलापन कैसा होता है पूछो मुझसे, जब आँसू भी अपने नहीं लगते।।

हर कोई हँसते चेहरे के पीछे देखता नहीं, अकेलेपन का दर्द कोई समझता नहीं। सफ़र लंबा है, साथी कोई नहीं, इस दिल का बोझ भी कोई उठाता नहीं।।

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उम्मीद करते आप सभी को हमारा यह अकेली जिंदगी शायरी लेख पसंद आया होगा। मैं एक लेखक के तौर पर हमने अपना बेस्ट देते हुए इस अकेली जिंदगी शायरी को भावनात्मक रूप से बेहतर लिखा है और आपके बीच प्रस्तुत किया है। आपको कौन सा शायरी इस सभी “अकेली जिंदगी शायरी” में से पसंद आया और क्यों comment में जरूर बताये, ताकि आने वाले पोस्ट को और भी बेहतर बनाया जा सके। आप सभी का बहुत बहुत धन्यवाद!!

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